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अवध प्रांत के प्रचारक कौशल ने कहा – भारत को फिर से ‘विश्वगुरु’ बनाने का लें संकल्प,संघ के शताब्दी वर्ष पर महमूदाबाद में उत्साह, संगठन ने किया एकता का संदेश प्रसारित

RamParkash Vats
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महमूदाबाद (सीतापुर), 10 अक्टूबर 2025 | प्रदेश राज्य ब्यूरो चीफ – अनुज कुमार जैन

उन्होंने कहा कि भारत सदियों से आध्यात्मिकता, संस्कृति और मानवता का केंद्र रहा है। “हमें संगठित होकर कार्य करना होगा, तभी भारत पुनः ‘सोने की चिड़िया’ और ‘विश्वगुरु’ बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकेगा,” कौशल जी ने कहा।उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक जीवन पद्धति है, जो राष्ट्र निर्माण, संस्कार निर्माण और समाज उत्थान का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। “संघ विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है, जो भारतीय संस्कृति और ‘सर्व धर्म समभाव’ की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है,” उन्होंने कहा।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना व ध्वज स्थापना से

कार्यक्रम की अध्यक्षता उमा शंकर जैन ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि संघ ने समाज में सकारात्मकता, आत्मबल और राष्ट्रीय एकता की भावना को सशक्त किया है। उन्होंने नगरवासियों से शाखाओं में अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया, ताकि समाज में संगठन और अनुशासन का भाव और मजबूत हो सके।

कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वज स्थापना व प्रार्थना से हुआ। इस क्रम का संचालन नगर प्रचारक चक्रपाणि और नगर कार्यवाह देवेश मिश्र ने किया। मंच पर ‘भारत माता की जय’ के गगनभेदी नारों से वातावरण देशभक्ति से भर उठा।

देशभक्ति गीतों ने बांधा समा

संघ गीतकार आंजनेय आशीष ने अपने मधुर स्वर में ‘जागरण गीत’ प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित जनसमूह में देशभक्ति की तरंग जगा दी। गीत की पंक्तियाँ — “चलो मिलकर भारत गढ़ें, संस्कारों से समृद्ध करें” — पूरे परिसर में गूंजती रहीं।
गेस्ट हाउस परिसर को संघ की स्मृतियों से जुड़े आकर्षक चित्रों और रंगोलियों से सजाया गया था, जिससे वातावरण पूर्णतः सांस्कृतिक और आध्यात्मिक हो उठा।

भव्य पथ संचलन बना आकर्षण का केंद्र

बौद्धिक सत्र के पश्चात सैकड़ों गणवेशधारी स्वयंसेवकों का पथ संचलन निकाला गया। पथ संचलन का आरंभ जिला पंचायत गेस्ट हाउस से हुआ, जो कोतवाली मार्ग, बस स्टॉप चौराहा, चिकमंडी चौराहा, बजाजा चौराहा, रामकुंड होते हुए पुनः गेस्ट हाउस परिसर में समाप्त हुआ।
बैंडबाजों की देशभक्ति धुनों और अनुशासित पंक्तियों में चलते स्वयंसेवकों का यह द्रश्य नगरवासियों के आकर्षण का केंद्र बना रहा।

पथ संचलन के दौरान मार्गों पर नगर के नागरिक, व्यापारी, समाजसेवी और युवाओं ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। जैन समाज अध्यक्ष अनुज कुमार जैन, मां संकटा देवी मंदिर समिति अध्यक्ष आर.के. वाजपेयी, विधायक आशा मौर्य, तथा कई धार्मिक-सामाजिक संगठनों ने स्वयंसेवकों को माल्यार्पण कर अभिवादन किया।

नगर में उमड़ा जनसैलाब, समाज के सभी वर्गों की सहभागिता

कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। विभाग प्रचारक अभिषेक (सीतापुर), जिला संघ चालक राजाराम, जिला कार्यवाह देवेंद्र, सह जिला प्रचारक विकल्प, जिला पर्यावरण प्रमुख ऋतुराज, कुर्सी विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा, जिला पंचायत निर्माण समिति अध्यक्ष शिवकुमार गुप्त, मोहन बड़ी, रितेश रस्तोगी सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक और नागरिक उपस्थित रहे।

नगर के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने आयोजन को सफल बनाने में सहयोग दिया। विशेष रूप से मां संकटा देवी मंदिर समिति, जैन समाज, व्यापार मंडल, और युवा मंच ने स्वागत व्यवस्थाओं और पेयजल वितरण में प्रमुख भूमिका निभाई।

संघ की शताब्दी पर विशेष संदेश

प्रचारक कौशल जी ने अपने बौद्धिक संबोधन में कहा कि आने वाले वर्षों में संघ का मुख्य लक्ष्य भारत को आत्मनिर्भर, संस्कारित और विश्व पटल पर अग्रणी राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। उन्होंने कहा —

“संघ किसी व्यक्ति विशेष के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्र के उत्थान के लिए कार्य करता है। भारत को संगठित, आत्मनिर्भर और संस्कारित बनाना ही हमारा उद्देश्य है।”

उन्होंने यह भी कहा कि आज आवश्यकता है कि हम समाज के हर वर्ग तक संघ की विचारधारा का संदेश पहुंचाएं — “जो व्यक्ति समाज के लिए कुछ करना चाहता है, उसे संघ के कार्य से जुड़ना चाहिए।”

उन्होंने स्वयंसेवकों से आह्वान किया कि वे शिक्षा, पर्यावरण, सेवा, गो-संवर्धन और ग्राम विकास के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाएं, ताकि समाज का हर वर्ग संगठित रूप से आगे बढ़ सके।

स्थानीय समाजसेवियों का सम्मान

कार्यक्रम में नगर के कई गणमान्य व्यक्तियों को उनके सामाजिक योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर आर.के. वाजपेयी, अनुज कुमार जैन, विधायक आशा मौर्य, और शिवकुमार गुप्त को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह आयोजन केवल स्मरण का नहीं, बल्कि “सेवा और संस्कार के नव-संकल्प का पर्व” है।

नगर में गूंजे राष्ट्रवादी नारे

पथ संचलन के दौरान ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’, ‘जय श्रीराम’, और ‘जयतु संघम्’ के जयघोषों से नगर की सड़कों का वातावरण गूंज उठा। नागरिक अपने घरों की छतों से पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का अभिनंदन करते रहे।
नगर में अनुशासन, संगठन और देशभक्ति का ऐसा दृश्य लंबे समय बाद देखने को मिला, जिसने सभी को प्रभावित किया।

कार्यक्रम का समापन देशभक्ति संकल्प के साथ

अंत में सभी स्वयंसेवकों ने भारत की एकता, अखंडता और संस्कृति की रक्षा के लिए संकल्प लिया। प्रार्थना के पश्चात कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ।
कार्यक्रम की व्यवस्था में देवेंद्र मिश्र, रितेश रस्तोगी, ऋतुराज, मोहन बड़ी, और युवा स्वयंसेवक दल का विशेष योगदान रहा।

संघ के शताब्दी वर्ष के इस आयोजन ने महमूदाबाद नगर में संगठन, अनुशासन और राष्ट्रभक्ति की नई चेतना का संचार किया। नागरिकों ने इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।

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