Delhi,न्यूज़ इंडिया आजतक-संपादन राम प्रकाश वत्स
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सभी संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उन्होंने यह निर्देश नई दिल्ली में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की चौथी समीक्षा बैठक में दिए, जिसमें दिल्ली के पर्यावरण मंत्री श्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा भी उपस्थित रहे। बैठक का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करना था। मंत्री ने कहा कि वायु प्रदूषण एक साझा चुनौती है, जिसके समाधान के लिए सभी राज्यों को मिलजुलकर काम करना होगा।
श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे फसल अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर ठोस योजनाएँ तैयार करें और किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के उपयोग का पर्याप्त प्रशिक्षण दें। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाना न केवल मिट्टी की गुणवत्ता को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि वायु में जहरीले कणों की मात्रा भी बढ़ाता है। इसलिए, किसानों को वैकल्पिक समाधानों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है। इसके साथ ही, उन्होंने ठोस कचरे को खुले में जलाने की घटनाओं पर सख्त निगरानी रखने और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
केंद्रीय मंत्री ने सड़क धूल नियंत्रण और शहरी-औद्योगिक क्षेत्रों के पुनर्विकास पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि सड़क धूल वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्रोत है, इसलिए सभी नगर निगम और औद्योगिक निकायों को सड़क सफाई, हरित पट्टियों के विकास तथा निर्माण स्थलों पर धूल रोकने के उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए। श्री यादव ने बैठक के अंत में स्पष्ट किया कि वायु प्रदूषण से निपटना केवल सरकार की नहीं, बल्कि समाज के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से स्वच्छ वायु अभियान को जन आंदोलन का स्वरूप दें।

