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फारियां पंचायत: प्राकृतिक सौंदर्य के बीच कानूनी भूमि विवाद से जूझती एक ग्राम पंचायत

RamParkash Vats
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रेलवे विभाग ने पंचायत को थमाया नोटि

2016 में भी पंचायत को भूमि अवंटित हुई थी ना जाने क्यों बाद विवाद के भेंट चढ गई

अश्चयजनक बात यह कि रेलवे विभाग ने अपनी जमीन पर भवन कैसे बनाने दिया।

ज्वाली 31/10/2025/ संवाददाता रूपेश शर्मा

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा सूरियां विकासखंड के अंतर्गत आने वाली फारियां पंचायत नदी के किनारे बसी एक सुंदर, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पंचायत है। यह नगरोटा सूरियां से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और लगभग 3500 की जनसंख्या वाली यह पंचायत 7 वार्डों में विभाजित है।

जानकारी के अनुसार पंचायत की स्थिति फारियां पंचायत का भवन रेलवे विभाग की भूमि पर निर्मित है। यही स्थिति इस पंचायत के सामने सबसे बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि भूमि की कानूनी स्वामित्व स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस कारण पंचायत भवन पर नाम का बोर्ड नहीं लगाया जाता, ताकि भविष्य में रेलवे विभाग द्वारा इसे हटाने की संभावना न बने।

इसके अलावा, पंचायत भवन मुख्य चौराहे के पास स्थित होने के कारण यहां दुर्घटनाओं का खतरा भी बना रहता है। भूमि की स्थिरता न होने से पंचायत की कई योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। पंचायत की पहचान पंचायत भवन की दीवारों पर सरकारी योजनाओं के सूचना पट्ट लगाए गए हैं, जिनसे ग्रामीणों को विकास योजनाओं की जानकारी मिलती है। पंचायत की पहचान मुख्य रूप से भवन पर लगे सूचना बोर्ड से की जाती है

।भविष्य की दिशा स्थायी भूमि के अभाव में पंचायत प्रशासन अब सरकार से भूमि आवंटन की मांग की तैयारी में है। यदि पंचायत को स्थायी भूमि उपलब्ध कराई जाती है, तो भवन का नामकरण और पहचान दोनों सुनिश्चित हो सकेंगे।

प्राप्तजानकारी के अनुसार पंचायत ने भवन निर्माण के लिए आवेदन किया हुआ है लेकिन अभी तक भूमि अंवंटन अधर में लटका हुआ है , विचारनीय विषय यह है कि गत 40 बर्षो पंचायत अपने भवन के इंतजार में है लेकिन ना जाने किन कारणों से पंचायत भवन अटका हुआ है। पंचायत वासीयों ने मांग की है कि पंचायत भवन जल्दी बनाया जाऐ।

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