प्रकृति की संरचना करोड़ों वर्षों की प्रक्रिया से बनी है, किंतु इसे नष्ट करने में मात्र एक पल पर्याप्त है।
पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश—ये पंचमहाभूत मानव सभ्यता की रक्षा के मूल स्तंभ हैं
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा वन भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर लिया गया कड़ा निर्णय
यह आदेश दीर्घकालिक दृष्टि से पृथ्वी की रक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और भावी पीढ़ियों को सुरक्षित पर्यावरण देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा वन भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर लिया गया कड़ा निर्णय केवल एक प्रशासनिक आदेश नहीं, बल्कि प्रकृति के संरक्षण और मानव सभ्यता की सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। वर्ष 2025 में जलवायु परिवर्तन और प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम ने हिमाचल सहित देश के कई राज्यों को हिला कर रख दिया। अनुमान से हजार गुना अधिक प्राकृतिक आपदाएँ इस वर्ष आईं और इसने यह सच्चाई सामने रख दी कि यदि प्रकृति के साथ यही व्यवहार जारी रहा तो आने वाला समय और भी भयावह होगा।
प्रकृति की संरचना करोड़ों वर्षों की प्रक्रिया से बनी है, किंतु इसे नष्ट करने में मात्र एक पल पर्याप्त है। पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश—ये पंचमहाभूत मानव सभ्यता की रक्षा के मूल स्तंभ हैं। यदि जंगलों का संरक्षण नहीं हुआ तो ये स्तंभ डगमगा जाएंगे और परिणामस्वरूप धरती का पर्यावरणीय संतुलन टूट जाएगा। सुप्रीम कोर्ट पहले भी चेतावनी दे चुका है कि हिमाचल प्रदेश में विकास के नाम पर जंगलों का अंधाधुंध कटान और अवैध कब्जे प्राकृतिक संसाधनों की जड़ों को खोखला कर रहे हैं।
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि वन भूमि पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण किसी नीति या राजनीतिक हस्तक्षेप से वैध नहीं ठहराया जा सकता। अदालत का यह आदेश केवल कानून का पालन कराने की औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह संदेश भी है कि अब पर्यावरणीय संकट से बचने के लिए कठोर कदम उठाने ही होंगे।
राज्य सरकार और प्रशासन के सामने अब बड़ी चुनौती है कि वे 31 अक्तूबर तक अतिक्रमणकारियों को बेदखल कर वन भूमि को मुक्त कराएं। यह कार्य यदि पारदर्शी और दृढ़ता से किया गया तो न केवल हिमाचल, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा। यह आदेश दीर्घकालिक दृष्टि से पृथ्वी की रक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और भावी पीढ़ियों को सुरक्षित पर्यावरण देने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो सकता है।

