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न्याय मिलने का आखिरी विकल्प: अफसरों के मेडिकल बिलों पर रोक, डॉक्टर की सेवाएं नियमित करने के निर्देश

RamParkash Vats
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संकेतिक चित्र

शिमला, 11 सितम्बर 2025,( NIAT)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अफसरशाही की सुस्ती पर कड़ा रुख अपनाते हुए शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के मेडिकल बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी है।

अफसरशाही पर अदालत की सख्ती

न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत का बड़ा आदेश।

शिक्षा सचिव, उच्च शिक्षा निदेशक, उपनिदेशक मंडी और टिकरी सदवानी स्कूल के प्रधानाचार्य पर गिरी गाज।

जब तक याचिकाकर्ता देव शर्मा के 1.52 लाख रुपये के मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं होगा, अफसरों को खुद कोई भुगतान नहीं मिलेगा।

9 साल से लटका है मामला

वर्ष 2016 में बिल जमा, 2022 में सेवानिवृत्त होने के बावजूद भुगतान नहीं।

अदालत के पूर्व आदेशों की लगातार अनदेखी।

अब अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

डॉक्टर की सेवाएं नियमित करने का आदेश

न्यायाधीश सत्येन वैद्य ने सरकार को आदेश दिया कि

डॉक्टर अनुराधा ठाकुर की सेवाएं चार सप्ताह के भीतर नियमित हों।

कोर्ट ने कहा, “एनआरएचएम फंड से वेतन मिलने का मतलब यह नहीं कि नियुक्ति अस्थायी है।”

अनुराधा ठाकुर पिछले 13 वर्षों से सेवाएं दे रही हैं।

एफआईआर रद्द करने पर नया आधार जरूरी

न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की अदालत ने कहा,

दूसरी बार एफआईआर रद्द करने की याचिका तभी स्वीकार होगी जब नया आधार हो।

जसबीर कौर केस में नया समझौता सामने आने के बाद याचिका सुनवाई योग्य मानी गई।

अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।

हाईकोर्ट के ताज़ा आदेशों ने यह साफ कर दिया है कि लापरवाही बरतने वाले अफसर और अनुबंध पर टालमटोल करने वाली सरकार दोनों को अब राहत नहीं मिलेगी।

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