आरोपी नाबालिग को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि महिला ने विरोध किया तो आरोपी आक्रामक हो गया और हमला कर दिया। मामला गंभीर है, जांच जारी है।”
शिमला/04/11/2025 स्टेट चीफ़ ब्यूरो विजय समयाल
हमीरपुर। सदर थाना क्षेत्र के सासन में एक दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। खेतों की ओर घास काटने जा रही 40 वर्षीय महिला पर दुराचार के इरादे से हमला करने वाले 14 वर्षीय नाबालिग आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विरोध करने पर आरोपी ने दराती और डंडे से ताबड़तोड़ वार कर महिला को गंभीर रूप से घायल कर डाला। हमले में महिला का एक कान कट गया, जबकि सिर, गर्दन और चेहरे पर गहरी चोटें आई हैं।गंभीर हालत में पहले मेडिकल कॉलेज हमीरपुर ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे तुरंत पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया। वहां सर्जरी की गई और फिलहाल महिला की हालत नाजुक बनी हुई है।
कैसे खुला मामला?
सोमवार दोपहर यह वारदात सामने आई, जब गांव का एक व्यक्ति खेतों के पास से गुजर रहा था। उसने महिला को खून से लथपथ हालत में बेहोश पड़ा देखा। उसने तुरंत परिजनों को सूचित किया और ग्रामीणों की मदद से घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया गया।सूचना मिलते ही पुलिस दल और एएसपी राजेश कुमार मौके पर पहुंचे।
मौके से दराती, डंडा, टूटी स्केल के टुकड़े और पेन जैसे हथियार बरामद हुए। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से अहम सबूत उठाए।आस-पास लगे घरों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए, जिसमें एक किशोर घटना स्थल की ओर जाते दिखाई दिया। इसके बाद पुलिस ने गांव में पूछताछ शुरू की और संदिग्ध किशोर को हिरासत में लिया।
पूछताछ में कबूला जुर्म
पुलिस पूछताछ में नाबालिग ने अपराध स्वीकार किया है। पुलिस अब कोर्ट में आरोपी को पेश करने की तैयारी में है। घटनास्थल और हथियारों की पहचान भी करवाई जा रही है।
एएसपी राजेश कुमार का बयान:आरोपी नाबालिग को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि महिला ने विरोध किया तो आरोपी आक्रामक हो गया और हमला कर दिया। मामला गंभीर है, जांच जारी है
गांव में दहशत — सोशल मीडिया पर चर्चा तेज
इस वारदात के बाद सासन और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि सोशल मीडिया व मोबाइल कंटेंट के जरिए ऐसी घटनाओं का असर युवाओं पर बढ़ रहा है। लोग कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
हमीरपुर की इस वारदात ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या सोशल मीडिया पर अनियंत्रित रूप से फैल रही अश्लीलता, हिंसक वीडियो और फर्जी ‘एक्शन-हॉरर कंटेंट’ अब नाबालिगों की मानसिकता को विकृत कर रहे हैं? माहिरों का कहना है कि बिना रोक-टोक मौजूद हिंसक क्लिप्स, अश्लील दृश्य, ऑनलाइन गेम्स और रील-ट्रेंड्स की नकल जैसी प्रवृत्तियाँ कम उम्र के बच्चों में आक्रामक व्यवहार और अपराध की ओर झुकाव बढ़ा रही हैं। कई मामलों में देखा गया है कि मानसिक रूप से अपरिपक्व किशोर इंटरनेट पर देखे गए ‘थ्रिल’ को असल जिंदगी में दोहराने की कोशिश करते हैं, जिसका परिणाम बेहद खतरनाक निकलता है।
कानूनन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉनिटरिंग और चाइल्ड-सेफ्टी की जिम्मेदारी तय है, मगर हकीकत यह है कि नियंत्रण नाम मात्र रह गया है। न उम्र की पहचान, न कंटेंट फिल्टर—वायरल वीडियो हर स्मार्टफोन तक पहुंच रहा है, और वही कभी-कभी अपराध की प्रेरणा भी बन रहा है। यही कारण है कि सवाल अब भी ज़िंदा है—आखिर पेरेंटल कंट्रोल, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की जिम्मेदारी और बच्चों की निगरानी कौन सुनिश्चित करेगा? हमीरपुर की यह घटना सिर्फ एक अपराध नहीं, समाज को आगाह करती चेतावनी है कि बिना नियंत्रण वाला डिजिटल संसार आने वाले समय में और भयावह रूप ले सकता है।

