लखनऊ, 22 अगस्त 2025 स्टेट चीफ़ ब्यूरो अनुज कुमार जैन
हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध और सरकार की मंशा:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में हलाल सर्टिफिकेशन पर कठोर रुख अपनाते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। अब कोई भी संस्था हलाल प्रमाणपत्र जारी नहीं कर सकेगी और न ही कोई उत्पाद इस चिन्ह के साथ बाजार में बेचा जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर आतंकवाद, धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता जुटाई जाती है। उन्होंने जनता से अपील की कि वस्तुएं खरीदते समय हलाल प्रमाणपत्र वाली चीजें न खरीदें और साथ ही जीएसटी अवश्य दें, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
साबुन और दियासिलाई पर भी हलाल क्यों:योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन की सीमा पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर साबुन, कपड़े और यहां तक कि दियासिलाई तक पर हलाल का निशान क्यों लगाया जा रहा है? उन्होंने इसे एक संगठित साजिश करार दिया जो समाज में भ्रम और विभाजन पैदा करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब ऐसी किसी वस्तु की बिक्री या खरीद नहीं होगी जिसमें हलाल सर्टिफिकेशन हो। उन्होंने लोगों से जागरूकता की अपील करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रमाणपत्रों के पीछे छिपे आर्थिक नेटवर्क को समाप्त करना आवश्यक है, क्योंकि यह धन राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को बल देता है।
राजनीतिक इस्लाम और राष्ट्र की एकता पर खतरा:अपने भाषण में सीएम योगी ने ‘राजनीतिक इस्लाम’ को सनातन संस्कृति और राष्ट्र की एकता के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजी उपनिवेशवाद के साथ-साथ राजनीतिक इस्लाम के विस्तारवादी स्वरूप के खिलाफ भी संघर्ष किया था। छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और गुरु गोविंद सिंह जैसे महान नायकों को स्मरण करते हुए योगी ने कहा कि आज भी देश को ऐसे ही राष्ट्रनायकों के आदर्शों की आवश्यकता है। उन्होंने बलरामपुर के जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के उदाहरण का उल्लेख करते हुए कहा कि यह व्यक्ति वर्षों तक छद्म नाम से धर्मांतरण की गतिविधियों में लिप्त रहा। सीएम योगी ने चेतावनी दी कि समाज को अब ऐसे छद्म रूपों से सावधान रहना होगा जो परिवारों में घुसपैठ कर सांस्कृतिक विघटन फैलाने की कोशिश करते हैं।योगी आदित्यनाथ का यह वक्तव्य न केवल हलाल सर्टिफिकेशन पर प्रतिबंध की सरकारी नीति को स्पष्ट करता है, बल्कि राष्ट्र की एकता, सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक सुरक्षा के लिए जनता को सजग रहने का संदेश भी देता है।

