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हिमाचल में नशा मुक्ति के लिए सरकार की सकारात्मक पहल: एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना से नए आयाम

RamParkash Vats
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शिमला, 26 सितम्बर 2025, संपादक राम प्रकाश वत्स

हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ जंग को नई दिशा देने के लिए एक प्रभावशाली और व्यावहारिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा स्वतंत्रता दिवस समारोह में मंडी जिले के सरकाघाट में घोषित एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना (ACVS) प्रदेश में नशे की रोकथाम को और सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगी। यह पहल न केवल युवाओं के लिए संजीवनी होगी, बल्कि समाज और पुलिस के मध्य विश्वास और सहभागिता की मजबूत कड़ी भी बनेगी।

इस योजना के तहत प्रदेश में 1000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे, जो पुलिस विभाग, जनता और अन्य हितधारकों के मध्य एक सेतु का काम करेंगे। वालंटियर समाज में जागरूकता फैलाएंगे, नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी देंगे और संदिग्ध गतिविधियों एवं हॉट-स्पॉट्स की गोपनीय जानकारी पुलिस तक पहुंचाएंगे। वे स्कूलों, कॉलेजों और सामुदायिक केंद्रों में रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, सोशल मीडिया अभियानों और जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। प्रभावित व्यक्तियों को परामर्श और पुनर्वास केंद्रों से जोड़ना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। इस पहल में स्वयंसेवकों को सेवाओं के लिए मानदेय भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उनकी भागीदारी और प्रतिबद्धता सुनिश्चित होगी।

इस योजना के तहत प्रदेश में 1000 स्वयंसेवक तैनात किए जाएंगे, जो पुलिस विभाग, जनता और अन्य हितधारकों के मध्य एक सेतु का काम करेंगे।

इसका वास्तविक मूल्य तभी समझा जाएगा जब इसे धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

युवाओं और समाज के लिए यह योजना संजीवनी का काम करेगी,

सरकार ने योजना की व्यावहारिकता पर विशेष ध्यान दिया है। स्वयंसेवकों को सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए फील्ड कार्य में उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। इसके साथ ही दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें एनडीपीएस एक्ट, पुलिस प्रक्रियाएं और सामुदायिक सहभागिता के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। यह सुनिश्चित करेगा कि योजना केवल कागजी रूप से नहीं, बल्कि धरातल पर भी प्रभावी ढंग से काम करे।

मुख्यमंत्री ने अपने पदभार ग्रहण करते ही नशे के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने पीआटीएनडीपीएस अधिनियम लागू किया, नशा माफिया की संपत्ति जब्त की और पुलिस भर्ती में चिट्टे की जांच को अनिवार्य बनाया। पिछले ढाई वर्षों में सरकार लगातार युवाओं को नशे के चंगुल से बचाने और समाज में जागरूकता लाने के लिए सकारात्मक प्रयास कर रही है। इस नई योजना से न केवल पुलिस और जनता के बीच सहयोग बढ़ेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र भी सुदृढ़ होगा और प्रभावित लोगों को बेहतर पुनर्वास सेवाएं मिलेंगी।

हिमाचल प्रदेश सरकार की यह पहल दर्शाती है कि नीति केवल घोषणा तक सीमित नहीं रह सकती। इसका वास्तविक मूल्य तभी समझा जाएगा जब इसे धरातल पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा। युवाओं और समाज के लिए यह योजना संजीवनी का काम करेगी, और नशा मुक्त हिमाचल का सपना साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सरकार की सकारात्मक सोच, व्यावहारिक कार्यप्रणाली और सतत प्रयास इस दिशा में स्थायी परिवर्तन का संदेश देते हैं।

इस प्रकार, एंटी-चिट्टा वालंटियर योजना न केवल हिमाचल प्रदेश में नशे के खिलाफ युद्ध को गति देगी, बल्कि यह दिखाएगी कि जब सरकार का निर्णय धरातल पर मजबूती से उतारा जाए, तो समाज में स्थायी और सकारात्मक बदलाव लाना संभव है।


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