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हिमाचल में खौफनाक हत्याकांड: 9 साल के मासूम की लाश जंगल से बरामद

जानकारी देती पुलिस

RamParkash Vats
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देहरा (कांगड़ा) 10 सितम्बर 2025 , राज्य चीफ़ ब्यूरो विजय

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। सात दिन से लापता 9 वर्षीय मासूम का शव आखिरकार जंगल से बरामद हुआ। पुलिस ने खुलासा किया है कि हत्या का दोषी कोई और नहीं बल्कि बच्चे के माता-पिता के साथ काम करने वाला बिहार का ही मजदूर लक्ष्मी (31 वर्ष) है। उसने पुलिस पूछताछ में गुनाह कबूल करते हुए बताया कि आपसी विवाद के चलते उसने गुस्से में बच्चे का गला दबाकर हत्या कर दी और शव को जंगल में फेंक दिया।

गुमशुदगी से हत्या तक

सात दिन का सस्पेंस 4 सितंबर को बच्चे के पिता ने पुलिस में शिकायत दी थी कि उनका बेटा सीयू देहरा कैंपस से अचानक गायब हो गया है। शुरुआत में यह मामला साधारण गुमशुदगी का लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे दिन बीते, पुलिस के शक की सुई अपने ही मजदूर साथी लक्ष्मी की तरफ घूम गई।डीएसपी राजकुमार की अगुवाई में बनी 8 टीमों ने लगातार खोजबीन जारी रखी। जांच के दौरान लक्ष्मी के बयानों में विरोधाभास पाया गया। सख्ती से पूछताछ होने पर उसने सनसनीखेज कबूलनामा कर पुलिस को दंग कर दिया।

‌‌‌आरोपी का कबूलनामा:

विवाद से बना कातिलपुलिस सूत्रों के अनुसार लक्ष्मी और मृतक बच्चे के माता-पिता के बीच कुछ समय से कहासुनी चल रही थी। इसी रंजिश के चलते उसने गुस्से में बच्चे की हत्या कर दी। आरोपी ने बताया कि हत्या के बाद वह शव को खींचकर पास के जंगल में ले गया और वहां फेंक दिया, ताकि किसी को शक न हो।पुलिस ने आरोपी को घटनास्थल पर ले जाकर वारदात का रिक्रिएशन कराया। इसके बाद शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल देहरा में पोस्टमार्टम करवाया गया।

हालांकि मामला सुलझता दिख रहा है, लेकिन पुलिस अब भी इसे पूरी तरह बंद नहीं मान रही। सूत्रों की मानें तो मृतक के परिजनों के कुछ बयानों ने भी जांच टीम को उलझन में डाल दिया है। आशंका जताई जा रही है कि हत्या के पीछे केवल आपसी विवाद ही नहीं, बल्कि कोई और गहरी वजह भी छिपी हो सकती है।एसपी मयंक चौधरी ने साफ किया, “हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं। न्याय की डगर तक पहुंचने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

9 साल के मासूम की हत्या से पूरा क्षेत्र स्तब्ध है। लोग गुस्से में सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं और दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग उठा रहे हैं। बच्चे के शव की पहचान परिवार ने कर ली है और गांव में मातम पसरा हुआ है।

एसपी मयंक चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीम की सराहना करते हुए कहा कि मामले को सुलझाने में एसएचओ अजय, हेड कांस्टेबल योगेश, कांस्टेबल विकास, कांस्टेबल पम्मू, हेड कांस्टेबल राजेश, कांस्टेबल अतुल, राजेश और पुष्पेंद्र की अहम भूमिका रही।

यह वारदात सिर्फ एक हत्या की कहानी नहीं, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए चेतावनी है कि असुरक्षा की आग अब छोटे शहरों और मजदूर बस्तियों तक पहुँच चुकी है

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