न्यूज इंडिया आजतक/ कार्यालय भरमाड़,संपादक राम प्रकाश वत्स
, बैजनाथ में दहशत और सवालबैजनाथ (कांगड़ा)।हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ में देर रात एक बार फिर आग का रहस्यमयी तांडव देखने को मिला। HRTC और CTU की दो बसें देखते-देखते धू-धू कर जल गईं। घटना रात लगभग 1:30 बजे की बताई जा रही है, जब शांत माहौल के बीच डिपो परिसर से धुएं और आग की लपटें उठनी शुरू हुईं। कुछ ही मिनटों में पूरा क्षेत्र अलर्ट हो गया।डिपो के कर्मचारियों के अनुसार, दोनों बसें बंद थीं और सामान्य तरीके से पार्क की गई थीं। अचानक आग भड़क उठी और देखते ही देखते बसें आग के समंदर में बदल गईं। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक दोनों वाहन पूरी तरह खाक हो चुके थे।-–5 दिन में दूसरी वारदात इत्तेफ़ाक या सुनियोजित आतिशजनी?यह घटना लोगों को सबसे ज़्यादा इसलिए बेचैन कर रही है क्योंकि यह
बीते 5 दिनों में दूसरी घटना है। इससे पहले इसी क्षेत्र में एक निजी बस रात के समय संदिग्ध हालात में जलकर राख बन चुकी है। अब सरकारी बसों में आग लगना गंभीर शक खड़ा कर रहा है —क्या यह सिर्फ दुर्घटना है?या किसी के द्वारा सुनियोजित वारदात?
स्थानीय लोग दहशत में हैं। सवाल उठ रहा है—आख़िर एक के बाद एक बसें क्यों जल रही हैं? किसे इससे लाभ है?—**क्या बाहरी शरारती तत्व?या स्थानीय लोगों की भूमिका?
**यह ताज़ा घटना लोगों को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर ऐसी वारदातों को अंजाम देकर कौन-सा मकसद पूरा होगा?
क्या कोई बाहरी गैंग सक्रिय है?या कोई स्थानीय शरारती तत्व इस आगजनी को अंजाम दे रहा है?
पुलिस भी इसी कोण पर काम कर रही है। बस डिपो में रखी दर्जनों बसों में सिर्फ इन्हीं वाहनों को आग पकड़ना संदिग्ध माना जा रहा है।
आधी रात, डिपो में धधकती आग…किसने फूंकी HRTC और CTU की बसें?5 दिनों में दूसरी घटना
फॉरेंसिक टीम मौके पर जांच कर रही हैCCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।प्रारंभिक जांच में शॉर्ट-सर्किट, तारों में खराबी या इंजन से जुड़े किसी तकनीकी कारण की पुष्टि नहीं हुई है। इससे आगजनी का शक और गहरा हो गया है।पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। डिपो कर्मचारियों, आसपास के ग्रामीणों और रात में मौजूद लोगों से लगातार पूछताछ हो रही है।—दहशत का माहौल, लोग पूछ रहे—कौन है इसके पीछे?बसों के जलने से सबसे अधिक प्रभावित आम यात्री और परिवहन कर्मचारी हैं। लोग सड़कों पर चर्चा कर रहे है
क्या यह किसी आपराधिक गिरोह की करतूत है?कहीं कोई निजी रंजिश?या जानबूझकर सरकारी संपत्ति को निशाना बनाया जा रहा है?
सामान्य जनता का मानना है कि यह कोई साधारण हादसा नहीं, बल्कि किसी गहरी साजिश का हिस्सा हो सकता है। कई लोग रात के समय सुरक्षा बढ़ाने और बस अड्डों पर चौकसी लगाने की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन अलर्ट, पर जवाब अभी भी इंतज़ार में घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस और अग्निशमन विभाग मौके पर पहुंचे। बसों के अवशेष कब्जे में लेकर सैंपल भेजे गए हैं। जिला प्रशासन ने आगजनी की घटनाओं पर रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेजी है।हालांकि जांच जारी है, लेकिन अब तक घटना पर रहस्य का पर्दा जस का तस है।
लोगों की एक ही मांग सच्चाई सामने आनी चाहिए, और दोषियों को सज़ा मिलनी चाहिए।
फिलहाल बैजनाथ में सिर्फ राख बची है, सवाल बाकी हैं।क्योंकि जब तक जांच अपनी अंतिम रिपोर्ट नहीं देती, यह वारदात एक बड़े रहस्य की तरह लोगों की चिंता, दहशत और जिज्ञासा को बढ़ा रही है।

