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भारतीय और हेलेनिक नौसेना का पहला द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास संपन्न, भूमध्य सागर में रणनीतिक सहयोग और अंतरसंचालन क्षमता मजबूत हुई

RamParkash Vats
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दिल्ली/20/09/2025. न्यूज़ इंडिया आजतक संपादन राम प्रकाश वत्स

अभ्यास का परिश्चय और नौसेना पृष्ठभूमि

भारतीय नौसेना और हेलेनिक (ग्रीस) नौसेना के बीच पहला द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास 18 सितंबर 2025 को भूमध्य सागर में संपन्न हुआ। यह अभ्यास भारत और ग्रीस के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग की दिशा में एक अहम मील का पत्थर माना जा रहा है। दो चरणों वाले इस अभ्यास में बंदरगाह चरण 13 से 17 सितंबर तक सलामीस नौसेना बेस पर और समुद्री चरण 17–18 सितंबर को आयोजित किया गया। भारतीय नौसेना का प्रतिनिधित्व आईएनएस त्रिकंद ने किया, जबकि ग्रीक नौसेना की ओर से एचएस थेमिस्टोकल्स शामिल रहा।

प्रमुख गतिविधियाँ और संचालन

बंदरगाह चरण में दोनों नौसेनाओं ने परिचालन परिचितता को मजबूत करने के लिए क्रॉस-डेक दौरे, पेशेवर बातचीत और प्री-सेल सम्मेलन जैसे कार्यक्रम आयोजित किए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भारत के राजदूत रुद्रेंद्र टंडन और ग्रीक नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

समुद्री चरण में जटिल सैन्य अभ्यास है

जैसे रात्रिकालीन वीबीएसएस ऑपरेशन, समुद्र में पुनःपूर्ति, पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास, समन्वित गन फायरिंग और क्रॉस-डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन—जिन्होंने दोनों देशों की अंतर-संचालन क्षमता और संयुक्त संचालन कौशल को प्रमाणित किया।

महत्व और आगे की दिशा

इस अभ्यास ने भारत और ग्रीस के बीच समुद्री सुरक्षा और सहयोगात्मक साझेदारी में नए अवसर खोले हैं। दोनों देशों के साझा हित अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता और नौवहन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने से जुड़े हैं। यह सहयोग न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि कूटनीतिक और सांस्कृतिक स्तर पर भी संबंधों को सुदृढ़ करता है। अभ्यास के बाद आईएनएस त्रिकंद भूमध्य सागर में अपनी तैनाती के अगले चरण की ओर बढ़ गया।–

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