Shimla,20:09:2025,NIAT SUTER
*हिमाचल प्रदेश के करसोग जिले में जंगल में ही उचित मूल्य की दुकानों (PDS) के सरकारी राशन के दालों से भरे पैकेट व बोरे मिले। *रामपुर जाने वाली मुख्य सड़क किनारे, करसोग से लगभग छ: किलोमीटर दूर बतालाबहल के पास, सैकड़ों पैकेट दालों के बरामद हुए।

*इसके अलावा गगोन नाला के पास भी लगभग आठ किलोमीटर दूरी पर इसी तरह के दालों के भरे पैकेट जंगल में फेंके पाए गए। कुछ बोरे सड़क किनारे “डंगे” (ढांगा?) के नीचे भी पड़े थे।
*उन पैकेटों पर हिमाचल सरकार की सरकारी मुहर और “सिविल सप्लाई” (खाद्य आपूर्ति विभाग) अंकित पाया गया।
सरकारी प्रतिक्रिया
*जब यह मामला करसोग प्रशासन के संज्ञान में आया, तो उपमंडल अधिकारी नागरिक करसोग ने इसे पुलिस थाना करसोग को सौंप दिया है।
*जिला नियंत्रक, खाद्य आपूर्ति विभाग मंडी को भी इस घटना की जानकारी दी गई है।
*उपमंडल अधिकारी नागरिक गौरव महाजन ने कहा है कि मौके पर जाकर पूरी जांच की जाएगी, और जो भी तथ्य सामने आएँगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा “किसी की भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
उठे सवाल
*यह प्रश्न कि सरकारी राशन जंगल में क्यों फेंका गया—क्या यह कालाबाजारी का मामला है, या वितरण प्रबंधन में कोई चूक हुई है?
*विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं कि क्यों सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद भी मौके पर विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे?
*राशन की सुरक्षा, वितरण चक्र, निगरानी—इन सभी की प्रभावशीलता पर संदेह जताया गया है।

