धमेटा (कांगड़ा) रिपोर्टर विशेष विजय समयाल
यहां की रातें आमतौर पर शांत रहती हैं, लेकिन रविवार की देर रात समकड़ गांव की ख़ामोशी एक झटके में टूट गई। चीखें, अफरा-तफरी और सन्नाटे में दबी एक दर्दनाक मौत—25 वर्षीय पल्ववी, जो साढ़े तीन साल पहले प्रेम विवाह करके इस घर में बहू बनकर आई थी, अब शव बनकर बाहर निकाली जा रही थी।
रविवार रात करीब 2:45 बजे, हेल्पलाइन 112 पर कॉल जाती है—“गांव समकड़ में एक महिला ने फंदा लगा लिया है।”
सूचना मिलते ही थाना फतेहपुर प्रभारी पवन गुप्ता अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। दरवाज़ा खुला, अंदर अफरातफरी और बीच कमरे में एक स्तब्ध नज़ारा—पाखे से लटका शव नीचे उतारा जा चुका था।पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। थाना प्रभारी का बयान साफ—“मामला दर्ज कर लिया है, मौत की वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पूछताछ के बाद स्पष्ट होगी।”
प्रेम विवाह… पर अंत इतना कड़वा क्यों?
पल्ववी और शम्मी—एक ही पंचायत, अलग गांव, और प्रेम प्रसंग। घर वालों की असहमति के बावजूद दोनों ने साढ़े तीन साल पहले शादी की थी। दोनों अपने पिता का साया पहले ही खो चुके थे। अब पल्ववी पीछे छोड़ गई वही, जो उसकी सबसे बड़ी कमजोरी भी था और सबसे बड़ा सहारा भी—दो साल का मासूम बेटा।
गांव में फुसफुसाहटें तेज हैं—
“ससुराल में कलह रहती थी…”
“लड़ाई-झगड़ा आम था…”
“कई बार रोती थी…”
सवाल उठ रहे हैं—क्या ये वाकई आत्महत्या थी? या फिर एक और बहू दबावों के नीचे कुचली गई?
मायके पक्ष का बड़ा आरोप—“ये आत्महत्या नहीं, हत्या है”
मृतका की चाची नीमा कुमारी ने बेहद गंभीर आरोप लगा उन्हें पंचायत प्रधान ने फोन कर सिर्फ इतना कहा—“लड़की ने फांसी लगा ली, जल्दी आ जाओ”
जब परिवार वहां पहुंचा, कमरा खाली कराया जा चुका था, सामान बाहर निकाल दिया गया था।शव को पहले ही नीचे उतार दिया गया था, यानी घटनास्थल बदल चुका था
सबसे बड़ा सवाल—पल्ववी का वजन करीब 45 किलो, लेकिन पंखे के पर बिल्कुल सलामत, कोई टूट-फूट नहीं
चाची का सीधा दावा—“हमारी बेटी ने खुदकुशी नहीं की, उसे मारा गया है।”
उनका कहना—पल्ववी हिम्मत वाली थी, रिश्तेदारों से लगातार बात करती थी, अवसाद में नहीं थी, ऐसा कदम उठाने का सवाल ही नहीं।
बच्चे की आंखों में सवाल, मां की लाश पर मातम
घर के आंगन में जैसे समय ठहर गया है।
एक मां बेटे को सीने से चिपकाकर बैठी है,
और वही बेटा उस शरीर को ढूंढ रहा है,
जो कल तक उसे गोद में झुलाती थी।
गांव स्तब्ध है—लोग चुप हैं, पर निगाहें बोल रही हैं।
सबकी ज़ुबान पर वही सवाल—
“सच क्या है?”
पुलिस जांच जारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज किया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट, कॉल डिटेल्स, और पति व ससुराल पक्ष से पूछताछ के बाद असली वजह सामने आएगी।
अगर हत्या का संदेह मजबूत हुआ, तो मामला आगे बढ़ेगा।
लेकिन एक बात साफ है—
इस गांव ने एक बहू को खो दिया,
एक मां ने बेटी को,
और एक बच्चे ने पूरी दुनिया।
आखिर कब तक?
धमेटा की यह घटना सिर्फ पुलिस डायरी का केस नहीं,
यह एक समाज की चुभती हुई सच्चाई है—जहां चुप्पी भी कई बार चीखती है।जांच जारी है… और सबकी नज़रें अब पुलिस पर टिक गई हैं।

